रात भर सपनों में
तैरती रही कविता
सुबह उठ ईश्वर से की प्रार्थना
कि दिन भर लिखूं कविता
और प्रार्थना के बाद
इस तरह शुरू हुआ क्रम
मेरे लिखने का ...
मैने बेली कविता
पकाई विश्वास और नेह की आंच में
तुमने किया उसका रसास्वादन
की तारीफ, तो उमड़ने लगीं
और और कवितायेँ ...
बुहारे फालतू शब्द लम्बी कविता से
आंसुओं की धार से भिगो किया साफ़
तपाया पूरे घर से मिले
सम्बन्धों की आंच में
तो खिल उठी कविता
तुमने उसे पहना, ओढा, बिछाया
मेरी मासूम संवेदनाओं के साथ
तो सार्थक हुई मेरी कविता
तुम्हारे दफ्तर जाने पर
मैंने लिखी कविता दुआ की
कि बीते तुम्हारा दिन अच्छा
घर लौटने पर न हो ख़राब तुम्हारा मूड
न उतरे इधर-उधर की कड़वाहट घर पर
तुम आओ तो मुस्कारते हुए
भर दो मेरी कविता में इन्द्रधनुषी रंग
और हम मिलकर लिखे
एक कविता ऐसी
जो हो मील का पत्थर ।
तैरती रही कविता
सुबह उठ ईश्वर से की प्रार्थना
कि दिन भर लिखूं कविता
और प्रार्थना के बाद
इस तरह शुरू हुआ क्रम
मेरे लिखने का ...
मैने बेली कविता
पकाई विश्वास और नेह की आंच में
तुमने किया उसका रसास्वादन
की तारीफ, तो उमड़ने लगीं
और और कवितायेँ ...
बुहारे फालतू शब्द लम्बी कविता से
आंसुओं की धार से भिगो किया साफ़
तपाया पूरे घर से मिले
सम्बन्धों की आंच में
तो खिल उठी कविता
तुमने उसे पहना, ओढा, बिछाया
मेरी मासूम संवेदनाओं के साथ
तो सार्थक हुई मेरी कविता
तुम्हारे दफ्तर जाने पर
मैंने लिखी कविता दुआ की
कि बीते तुम्हारा दिन अच्छा
घर लौटने पर न हो ख़राब तुम्हारा मूड
न उतरे इधर-उधर की कड़वाहट घर पर
तुम आओ तो मुस्कारते हुए
भर दो मेरी कविता में इन्द्रधनुषी रंग
और हम मिलकर लिखे
एक कविता ऐसी
जो हो मील का पत्थर ।
sdundar kavita
ReplyDeletewaah bhabhi ji waah ! bahut khoob!! badhiya kavita hai. aap roj aise hi likhti rahen.
ReplyDeleteमैने बेली कविता
ReplyDeleteपकाई विश्वास और नेह की आंच में
तुमने किया उसका रसास्वादन
की तारीफ, तो उमड़ने लगीं
और और कवितायेँ ...
..bahut badiya bimb ke sath sundar kavita...
haardik shubhkamnayen!